चालू जीवन के जो दुर्बल गौण कर्म हैं वे पीछे रह जाते हैं।
3.
मुख्य कर्म और गौण कर्म की अवतारणा संभवतः अंग्रेजी व्याकरण की देन है।
4.
हिन्दी की प्रकृति के अनुसार गौण कर्म को कर्म मानने का कोई आधार या औचित्य नहीं।
5.
द्विकर्मक क्रिया के साथ प्रयुक्त होने वाले दोनों कर्म में से मुख्य कर्म किसी पदार्थ का तो गौण कर्म किसी प्राणी का बोध कराता है।
6.
बाद के दौर में तो ब्राह्मणों के सेवाकर्म को छोड़ कर शेष सभी सेवाएँ गौण कर्म समझी जाने लगीं मसलन, खेत-मजूरी, हस्तशिल्प, कुम्हारी, लुहारी जैसे काम, घास छीलना, बाँस छीलना जैसे काम करने वाले समुदाय ‘कमीन' जाति कहलाने लगे ।
7.
बाद के दौर में तो ब्राह्मणों के सेवाकर्म को छोड़ कर शेष सभी सेवाएँ गौण कर्म समझी जाने लगीं मसलन, खेत-मजूरी, हस्तशिल्प, कुम्हारी, लुहारी जैसे काम, घास छीलना, बाँस छीलना जैसे काम करने वाले समुदाय ‘ कमीन ' जाति कहलाने लगे ।